The Basic Principles Of Shiv chaisa
The Basic Principles Of Shiv chaisa
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जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
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त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
O Lord, the beloved daughter of Maina on the still left adds towards your splendid overall look. O Wearer in the lion's pores and skin, the trishul with your hand destroys all enemies.
शिव चालीसा का पाठ करने से आपके कार्य पूरे होते है और मनोवांछित वर प्राप्त होता shiv chalisa lyricsl हैं।